Scam 1992 The Harshad Mehta Story Review In Hindi:- “स्कैम 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी” एक भारतीय टेलीविजन शो है, जो बेस्ड है भारत के शेयर बाजार में घटित हुए घोटाले पर।
यह एक द्रामात्मक तथा वास्तविक घटनाओं पर आधारित है जो 1992 में घटे थे। इस शो का निर्माण समाजवादी जनता दल के नेता और फिल्म निर्माता अबंधुष अशरफ़ द्वारा किया गया था और इसे हंसल मीडिया ग्रुप के साथ मिलकर निर्माता किया गया था।
शो के प्रमुख कलाकारों में प्रतिभाग करते हुए प्रवीण जोशी ने हर्षद मेहता की भूमिका निभाई है। शो में उनके साथ अभिनय करते हुए श्रेयश टल्पेडे, हेमंत केजरीवाल, चिराग वोहरा, ऋज्वन केसवन, अनंत महादेवन, राजत कपूर और निकितिन द्विवेदी जैसे अन्य अभिनेता हैं।
शो ने भारत के शेयर बाजार के इतिहास में हुए एक बड़े घोटाले की घटनाओं को दिखाया है जिसमें इंडियन बैंक और अन्य वित्तीय संस्थाओं को करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ था।
Scam 1992 The Harshad Mehta Story Review In Hindi

“Scam 1992: Harshad Mehta स्टोरी” एक भारतीय वेब सीरीज है जो 1992 में हुए स्टॉक मार्केट स्कैम के वास्तविक घटनाओं पर आधारित है।
इसे हंसल मेहता ने निर्देशित और एप्लॉज एंटरटेनमेंट ने सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के साथ संयुक्त रूप से उत्पादित किया था। यह शो अक्टूबर 2020 में सोनी लिव पर प्रीमियर हुआ था।
यह सीरीज Harshad Mehta की उच्च स्थान पर पहुंचने और फिर उसकी गिरावट का अनुसरण करती है, जो एक स्टॉकब्रोकर था जिसने भारतीय स्टॉक मार्केट को मार्गदर्शन किया और रातों-रात अरबपति बन गया।
यह शो मेहता की करिश्माई व्यक्तित्व, उसके धोकेबाज़ तरीके और उसकी अंतिम गिरावट के साथ-साथ भारत के राजनीतिक और सामाजिक माहौल का अन्वेषण भी करता है।
इस शो में प्रतीक गांधी ने Harshad Mehta की भूमिका में अद्भुत अभिनय किया है। लेखन बहुत ही शानदार है जो अपनी तेज गति कहानी से लोगों को जोड़ता है।
शो का निर्देशन उत्कृष्ट है, जो समय के मूड को वास्तविकता में उठाता है और कहानी के पात्रों और घटनाओं को जीवंत करता है।
यह शो सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि शेयर बाजार के काम की जानकारी भी देता है और उसे उसका उत्पादक ने उदाहरणों के साथ समझाया है कि Harshad Mehta कैसे इसे उत्पादकता के लिए दुरुपयोग करता था।
यह शो सरकारी अधिकारियों, बैंकिंग व्यवसायियों और उद्यमियों के बीच भ्रष्टाचार और सामने आने वाली घटनाओं को उजागर करता है जो टैक्सपेयर्स करोड़ों रुपये का नुकसान करवाते हैं।
Scam 1992 The Harshad Mehta Story Review In Hindi

एक शानदार संयोग के साथ, “Scam 1992: द Harshad Mehta स्टोरी” एक देखने लायक शो है जो वित्त, राजनीति या अपराध नाटक में रुचि रखने वालों के लिए अनिवार्य है।
यह एक अच्छी तरह से बनाई गई सीरीज है जो मनोरंजन के साथ शिक्षा भी प्रदान करती है शो में प्रदर्शित अभिनेता और अभिनेत्रियों का काम भी उत्कृष्ट है।
जितेंद्र कुमार ने Harshad Mehta का किरदार बेहद धूम्रपान करने वाले, जिद्दी और लालची बनाया है। प्रतिभाशाली अभिनेत्री श्रेया डॉगरा ने हर्षद के बेहद समर्थ और अभियोगपूर्ण सहयोगी रोपा निभाया है। अभिनेत्री प्रतिक्षा लोहा कर रही है जो हर्षद की पत्नी निरुपा बेन का किरदार निभाती हैं।
संगीत, संचार, फिल्म और टेलीविजन इतिहास में सबसे बड़े वित्तीय घोटालों में से एक के रूप में, “Scam 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी” एक दर्जनों नेतृत्वीय कलाकारों की उत्कृष्ट प्रदर्शनक्षमता और उत्कृष्ट निर्देशन के साथ एक सुंदर और उत्कृष्ट सीरीज है। शो का संपूर्ण महसूस राजनीति, पैसे और बदलती दुनिया के बीच की बढ़ती हुई भावनाओं को जीता है।
शो में दिखाए गए विविध पात्रों के माध्यम से, “Scam 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी” दर्शकों को इस घोटाले के अंदर की घटनाओं को जानने का अवसर देती है।
शो दिखाता है कि वित्तीय व्यवस्था के भविष्य के संदर्भ में किस तरह से लोगों को विश्वास दिखाया जाता है और उन्हें बेहोश कर दिया जाता है।
शो में वित्तीय घोटालों से जुड़े बहुत सारे तथ्य दिखाए गए हैं, जिनमें शेयर मार्केट, बैंकिंग, और प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दे शामिल हैं। इसके अलावा, शो ने दिखाया है कि वित्तीय व्यवस्था में जुगाड़ के लिए कितनी ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है और इसका क्या परिणाम होता है।
एक और महत्वपूर्ण बिंदु जो शो दर्शाता है, वह है व्यक्तिगत जिम्मेदारी का महत्व। शो में बताया गया है कि जब हम कानूनी रूप से गलत काम करते हैं, तो उससे हमारी व्यक्तिगत जिम्मेदारी बच नहीं सकती है।
“Scam 1992: द हर्षद मेहता स्टोरी” एक ऐसी दुर्दांत घटना के ऊपर आधारित है जो वास्तविक जीवन से ली गई है। हर्षद मेहता ने 1990 के दशक में शेयर बाजार का चेहरा बदल दिया था, उसने शेयर मार्केट में एक बड़ा घोटाला किया था, जिसमें उन्होंने बैंकों को और अन्य वित्तीय संस्थाओं को दोषी ठहराया था।
इस घोटाले में, हर्षद मेहता ने एक तरह से शेयर मार्केट का कंट्रोल अपने हाथों में ले लिया था, और उन्होंने शेयर मार्केट में ज़्यादा मुनाफे कमाने के लिए उनके शेयर की कीमत को उठाया था।
यह सब कुछ उनकी शानदार बोली विद्या के कारण हुआ था जिसमें वे आईपीओ के माध्यम से करोड़ों रुपये इकट्ठा करते थे। शो बताता है कि घोटाले के दौरान क्या हुआ था और कैसे सीबीआई ने इसे स्कैम के रूप में उजागर किया था। शो में, प्रमुख चरित्रों में से एक हर्षद मेहता ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से जितना पैसा कमाया था
Scam 1992 Review: रिस्क से इश्क करने वाले हर्षद मेहता की अनोखी कहानी
Year | Event |
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1984 | Harshad Mehta starts working as a stockbroker |
1986 | Harshad meets Ashwin Mehta and starts manipulating stock prices |
1988 | Harshad establishes his own brokerage firm, Growmore, with the help of his brother |
1990 | Harshad bribes bank officials to obtain large loans to buy shares |
1991 | Journalist Sucheta Dalal investigates Harshad’s activities and publishes an article exposing him in “The Times of India” |
1992 | Harshad is arrested and jailed for his involvement in the securities scam |
1992 | Harshad dies in jail due to a heart attack |
1998 | The Indian government sets up the Joint Parliamentary Committee to investigate the securities scam |
Characters:
- Harshad Mehta, a stockbroker
- Sucheta Dalal, a journalist
- Ashwin Mehta, Harshad’s brother
- Deepak Parekh, Chairman of HDFC Bank
- Manohar Pherwani, Harshad’s mentor
- CBI Officer Madhavan
- RBI Governor S. Venkitaramanan
- Journalist Debashis Basu, Sucheta’s colleague
- Ajay Kedia, Harshad’s associate
- Bhushan Bhatt, Harshad’s employee and accomplice
- Jyoti Mehta, Harshad’s wife
क्या हर्षद मेहता ने सच में घोटाला किया?
हाँ, हर्षद मेहता ने सच में घोटाला किया था। वह भारत के शेयर बाजार में एक बड़ी धांधली का हिस्सा था जिसमें उन्होंने अनेक तरीकों से शेयर मार्केट को मूल्यांकन करने का प्रयास किया था।
उन्होंने बैंकों से ऋण लिया और फिर इस धन का उपयोग करते हुए शेयर बाजार में खरीददारी की ताकत का उपयोग करके मुनाफे कमाए थे। लेकिन इसके साथ-साथ उन्होंने कई गैर-कानूनी तरीकों से भी इस धंधे में कामयाबी हासिल की थी। उनकी घोटाले की खबरों ने उन्हें एक अपराधी के रूप में समझौते पर ले जाने के बाद भी उनकी नाम की लोकप्रियता को प्रभावित किया है।
हर्षद मेहता को जेल क्यों हुई?
हर्षद मेहता को जेल इसलिए हुई क्योंकि उन्होंने अनेक गैर-कानूनी कार्यवाहियों के माध्यम से शेयर बाजार में धोखाधड़ी की थी जिससे लाखों लोगों को नुकसान हुआ था।
उन्होंने अपने धंधे में दोषी बैंकों को भी शामिल करते हुए अधिक से अधिक धन को जमा किया था ताकि वह शेयर मार्केट को अपने अनुकूल बना सकें।
इसके साथ-साथ, उन्होंने अनेक खामियों के माध्यम से शेयर बाजार को मूल्यांकन करने का प्रयास किया था। उनकी घोटाले की खबरों ने उन्हें एक अपराधी के रूप में समझौते पर ले जाने के बाद भी उनकी नाम की लोकप्रियता को प्रभावित किया है।
हर्षद मेहता की मौत कैसे हुई रियल?
हर्षद मेहता की मौत 31 दिसंबर 2001 को एक मुंबई जेल में हुई थी। उन्हें उनके जेल में रहते समय हार्ट अटैक से गुजरना पड़ा था।
हालांकि, कुछ लोगों के मुताबिक, उनकी मौत काफी संदिग्ध होती है। उनके कुछ रिश्तेदार और वकीलों का मानना है कि उनकी मौत एक सामान्य हार्ट अटैक से नहीं हुई थी, बल्कि उन्हें जेल में ही कुछ गलत हुआ था। इस विषय पर अब तक कोई आधिकारिक जांच नहीं हुई है।
हर्षद मेहता ने क्या अपराध किया था?
हर्षद मेहता के खिलाफ दावा किया गया था कि उन्होंने शेयर बाजार में अनेक गैर-कानूनी कार्यवाहियों के माध्यम से घोटाला किया था।
उन्होंने शेयर बाजार को मूल्यांकन करने के लिए अनेक खामियों के माध्यम से इस्तेमाल किए थे। उन्होंने अपने धंधे में दोषी बैंकों को भी शामिल करते हुए अधिक से अधिक धन को जमा किया था ताकि वह शेयर मार्केट को अपने अनुकूल बना सकें।
इससे उन्हें बड़ा लाभ हुआ था, लेकिन इससे लाखों लोगों को नुकसान हुआ था। इस विवादित कार्यवाही के चलते हर्षद मेहता को 1992 में गिरफ्तार किया गया था और उन्हें जेल में कई साल तक रहना पड़ा।
Conclusion- Scam 1992 The Harshad Mehta Story Review In Hindi
इस वेब सीरीज “Scam 1992: The Harshad Mehta Story” का मूल्यांकन करते हुए, हम कह सकते हैं कि इससे हमें एक दूसरे दौर की वित्तीय चालाकियों के बारे में बहुत कुछ सीखने को मिला।
इसमें अभिनेता प्रतिक गांधी ने हर्षद मेहता की भूमिका निभाई है जिसने अपनी बेहतरीन अदाकारी से इस शख्स को जीवित कर दिखाया है। सुचेता दलाल जैसे वित्तीय पत्रकारों ने इस सीरीज के लिए विवरण दिया है जो इसे एक उद्योग की दृष्टि से सटीक बनाता है।
इस सीरीज को देखने के बाद, वित्तीय बाजार और उससे जुड़ी अंतरराष्ट्रीय संबंधों को समझने में आसानी होती है।
हम इस सीरीज को एक शिक्षाप्रद अनुभव मानते हैं जो हमें याद रखने वाले पदार्थों के बारे में बताता है। साथ ही, हमें इससे पता चलता है कि भारत के वित्तीय बाजारों में दलाली की चालाकियां कैसे चलती हैं और उनके बारे में कैसे सावधान रहना चाहिए।